1. वैदिक शिक्षा का अर्थ : इस प्रकार की शिक्षा का तात्पर्य उस ज्ञान से है जो वेदो में सुरक्षित है तथा जो वैदिक काल में प्रयोग किया जाता था। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की भारत की आधारभूत संस्कृति का ज्ञान इन्हीं प्राचीन धर्म–ग्रन्थों में सुरक्षित है।

  2. शिक्षा की आधुनिक धारणा के अनुसार बालक के सर्वांगीण विकास हेतु पाठ्यक्रम संबंधी तथा आगामी दोनों प्रकार की क्रियाओं एवं अनुभवों को सम्मिलित करके पाठ्यक्रम को लचीला तथा प्रगतिशील बनाने पर बल दिया जाता है जिससे प्रत्येक बालक अपनी अपनी अभिरुचियों तथा आवश्यकताओं के अनुसार विकसित होकर समाज की सेवा करता रहे।

  3. खेल से मनुष्य की मनोवैज्ञानिक जरूरतें पूरी होती हैं तथा वह मनुष्य को सामाजिक कौशलों के विकास का भी अवसर देता है। हमरे अनुसार खेल बच्चों की मानसिक क्षमताओं के विकास में भी एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। पहले चरण में बच्चा वस्तुओं के साथ संवेदन प्राप्त करने व कार्य संचालन करने का प्रयास करता है।

  4. एक संतुलित आहार बनाए रखते हुए और शरीर द्वारा आवश्यक सभी पोषक तत्वों को पूरा करने को ध्यान में रखते हुए एक स्वस्थ जीवन शैली प्रदान की जाती है। एक उचित आहार योजना शरीर के आदर्श वजन को प्राप्त करने और मधुमेह, हृदय और अन्य प्रकार के कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को खतम करने में मदद करती है।

  5. मिड ब्रेन एक्टिवेशन 'ध्यान + विज्ञान' के संयोग से विकसित एक विशेष तकनीक है, जिसके द्वारा सबसे पहले बच्चे के दिमाग को अल्फा तरंग की स्टेज में लाया जाता है। इस स्थिति में मिड-ब्रेन चेतन एवं अवचेतन मन के बीच ब्रिज का काम करने लगता है। फिर एक खास तरह की ब्रेन-वेब्स, विशिष्ट ध्वनि तरंगें सुनवाई जाती हैं, जिससे मिड-ब्रेन के न्यूरान सेल्स सक्रिय हो जाते हैं। मिड-ब्रेन सक्रिय होने से मेमोरी, कॅान्सेंट्रेशन, विजुलाइजेशन, इमेजिनेशन, क्रिएटिविटी, जल्दी पढ़ने की कला जाग्रत हो जाती है।